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क्या होता है मलमास? जानें मलमास में क्या - क्या करने की है मनाही

क्या होता है मलमास

What is Malmas? Know what is Forbidden to do in Malmas

सनातन धर्म में मलमास का एक ख़ास महत्व है। इस साल यानी 2023 में मलमास 18 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस मलमास को और भी कई नामों से जाना जाता है। जैसे:- अधिकमास, पुरुषोत्तम मास आदि।

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यह महीना पूरी तरह से भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान विष्णु जी की पूजा – अर्चना करना तथा भागवत कथा सुनना पुण्य कमाने के समान माना जाता है किन्तु इस माह में मांगलिक कार्य जैसे शादी आदि नहीं किए जाते। ऐसे कार्यों के लिए इस समय को अशुभ माना जाता है।

वहीं दूसरी ओर इस महीने में पूजा – पाठ एवं धार्मिक कार्य करने पर बाकी दिन की भाँति अधिक फल प्राप्त होता है। आज हम इस मलमास से आपको वाकिफ करवाएँगे।

मलमास में क्या करना चाहिए?

दान - पुण्य और धर्म - कर्म

इस महीने में धर्म – कर्म के कार्य जैसे :- दान – पुण्य आदि करने चाहिए क्योंकि इन धार्मिक कार्यों के लिए यह महीना बहुत ही फलदायी साबित होता है, इसी वजह से इस महीने में भागवत कथा का पाठ किया जाता है।

इसी के साथ ही गीता का पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, राम कथा आदि करवाना भी मंगलकारी माना जाता है। नृसिंह भगवान तथा भगवान कृष्ण की कथा को भी सुना जाता है।

दीपदान

सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार मलमास में दीपदान करने का ख़ास महत्व होता है और इसके साथ ही इस महीने मन्दिर जाकर वहाँ पर एक ध्वजा भी दान की जाती है। अगर आप इस समय कोई पेड़ या पौधा लगाते हैं तो इसे भी शुभ माना जाता है।

इन अनाजों का करें सेवन

मलमास में विशेषरूप से मेथी, चावल, कटहल, जौ, पान – सुपारी, तिल, मटर, केला, बथुआ, दूध, दही, जीरा, सेंधा नमक, ककड़ी, गेहूँ आदि वस्तुओं का सेवन करना चाहिए। इस महीने में ज़रूरतमन्द, ब्राह्मण, गरीबों को भोजन कराने के साथ – साथ दान भी करना चाहिए|

मलमास में क्या नहीं करना चाहिए?

मांगलिक कार्य करना निषेध

मलमास में ख़ासतौर पर मांगलिक एवं शुभ कार्यों जैसे:- विवाह, नामकरण, श्राद्ध, यज्ञ, तिलक, मुंडन, गृह प्रवेश, कर्णछेदन, संन्यास, दीक्षा लेना, देव प्रतिष्ठा आदि को करने की सख़्त मनाही होती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय में भगवान शयन करते हैं। इसी वजह से मलमास में इन कार्यों को करना वर्जित होता है।

तामसिक वस्तुओं का सेवन वर्जित

मलमास में जहाँ तक हो सके तामसिक वस्तुओं जैसे :- माँस – मछली, उड़द दाल, शहद, मसूर दाल,प्याज, लहसुन, मूली, बासी अन्न, राई आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप इन वस्तुओं को ग्रहण करते हैं, तो आपको शारीरिक तौर पर बहुत – सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

खरीदारी को कहें ना

सनातन धर्म के शास्त्रानुसार मलमास में दुकान, घर, वाहन, कपड़े आदि नहीं खरीदने चाहिए और इस महीने में यदि कोई भिखारी या गरीब आपके घर पर आता है तो आपको उसका अपमान नहीं करना चाहिए तथा उसको कुछ न कुछ दान ज़रूर करना चाहिए।

अगर हो सके तो इस महीने में गलत व्यवहार, झूठ, चोरी, काम, लोभ, घृणा, क्रोध, गाली – गलौच, अनैतिक कार्यों आदि को करने से बचना चाहिए।

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