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जानें किस विदेशी एजेंसी ने करवाई मणिपुर की जातीय हिंसा, पूर्व सेना प्रमुख ने दी चेतावनी

जानें किस विदेशी एजेंसी ने करवाई मणिपुर की जातीय हिंसा, पूर्व सेना प्रमुख ने दी चेतावनी

मणिपुर में जातीय हिंसा रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। दिन – ब – दिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस मामले पर बहुत से senior officers ने टिप्पणी की है। उन्हीं में से एक हैं एमएम नरवणे जोकि former army chief general के पद पर रह चुके हैं।

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यदि देखा जाए तो मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में foreign agencies की भूमिका होने से मना नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार किसी border state में अस्थिरता की स्थिति National Security के लिए हानिकारक है।

former army chief ने बताया कि, “internal security बहुत important होती है। अगर हमारे पड़ोसी देश में या हमारे border state में अस्थिरता है, तो वह अस्थिरता हमारी overall national security के लिए उचित नहीं है।”

फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि, “जो लोग कुर्सी पर हैं तथा कार्रवाई करने के लिए Responsible हैं, वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हरेक नागरिक ज़िम्मेदार

former army chief general एमएम नरवणे के मुताबिक भारत की कोई ‘अतिरिक्त क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा’ नहीं है। 28 जुलाई को एक programme के दौरान former army chief ने बताया कि National Security के लिए देश के सभी नागरिक बराबर के ज़िम्मेदार हैं।

National Capital में India International Center की ओर से आयोजित ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ पर एक session को सम्बोधित करते हुए former army chief ने बाहरी तथा आंतरिक दोनों security dimensions को रेखांकित किया।

विद्रोही समूहों की मदद करता आया है चीन

former army chief द्वारा यह भी बताया गया कि, “निश्चित रूप से अस्थिरता overall national security construction में हमारी मदद नहीं करती।

ऐसे cases में foreign agencies की partnership से इनकार नहीं किया जा सकता। ख़ासतौर पर विभिन्न विद्रोही समूहों को china से मदद मिल रही है। चीन शुरू से ही ऐसे groups की मदद करता रहा है।”

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