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…तो इसलिए इतना महत्त्वपूर्ण है हरतालिका तीज का व्रत!!! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय कीजिए पूजा मिलेगा अधिक लाभ

…तो इसलिए इतना महत्त्वपूर्ण है हरतालिका तीज का व्रत!!! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय कीजिए पूजा मिलेगा अधिक लाभ

सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लम्बी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं जबकि कुँवारी लड़कियाँ यह व्रत एक योग्य पति की प्राप्ति के लिए रखती हैं।

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हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं एवं सदैव उनपर माता पार्वती तथा भगवान शिव जी की कृपा बनी रहती है।

निर्जला रहकर रखें व्रत

वरिष्ठ आचार्य पण्डित ‘अरुणेश मिश्रा’ जोकि उत्तराखण्ड राज्य के ‘ऊधम सिंह नगर’ नामक ज़िले में रहते हैं, उनके अनुसार माता पार्वती जी ने भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव जी को प्राप्त करने के लिए मिट्टी का शिवलिंग बनाकर 24 घण्टे का निर्जला व्रत रखते हुए भगवान शिव जी की कठोर साधना की थी।

उनकी इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव जी ने माता पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था।

पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाता है यह व्रत

तभी से सनातन धर्म में विवाहित महिलाएँ अपने पति की लम्बी उम्र के लिए हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव जी तथा माता पार्वती जी की पूजा करती हैं और कुँवारी लड़कियाँ एक योग्य पति की कामना रखते हुए हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव जी तथा माता पार्वती जी की विधिवत पूजा – पाठ करती हैं।

पूजा करने का शुभ मुहूर्त

आचार्य पण्डित ‘अरुणेश मिश्रा’ के अनुसार पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मानस के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 17 सितम्बर 2023 की सुबह 11:08 बजे से शुरू होगी तथा 18 सितम्बर 2023 की दोपहर 12:39 बजे समाप्त हो जाएगी।

इस दिन ‘इंद्र योग’ का निर्माण होगा, जो पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा इस दिन ‘रवि योग’ का भी निर्माण होगा, जो दोपहर 12:08 बजे से शुरू होकर पूरी रात तक रहेगा।

व्रत के नियम

  • हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को वाद – विवाद नहीं करना चाहिए।
  • उन्हें इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
  • काले रंग के कपड़े तथा कई प्रकार की चूड़ियाँ नहीं पहननी चाहिए।
  • सिंदूर का अनादर नहीं करना चाहिए।
  • तीज माता की पूजा करनी चाहिए ताकि उनके पति की उम्र लम्बी हो तथा घर परिवार में सुख – समृद्धि बनी रहे।

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