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गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन

गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन​

एक तो गर्मी का मौसम और ऊपर से भारत देश की पृष्ठभूमि। भारत देश में बस इन्हीं दो चीज़ों के मिलन से भारत के लोगों को दुःख होता है। वैसे तो भारत में अप्रैल के महीने से ही गर्मी शुरू हो जाती है लेकिन ‘मई’ और ‘जून’ यह दो महीने ऐसे हैं कि इनमें हमें सूर्य देवता का प्रकोप सहन करना पड़ता है।

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आजकल तो गर्मी का ये आलम है कि तापमान का 40 डिग्री तक पहुँचना तो आम बात हो गई है। ऐसे में चक्कर आना, लू लगना आदि बिमारियों से हमें जूझना पड़ सकता है। गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन ही इन बिमारियों से हमें बचा सकता हैं।

योग और उससे होने वाले लाभ

योग का शाब्दिक अर्थ होता है – आपस में मिलाना या जोड़ना। भारत में योग को अध्यात्म से जोड़कर देखा जाता है, जिसमें शरीर, आत्मा और मन को एकसाथ लाया जाता है, योग कहलाता है। Western Countries में ‘योग’ को Physical Fitness से जोड़कर देखा जाता है।

हमारे देश भारत को धर्म गुरु के साथ – साथ योग गुरु भी कहा जाता है। हम आपको गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके शरीर को इतनी गर्मी में ठण्डा रखने का काम करेंगे।

1. कपोतासन (Pigeon Pose)

विधि

  • कपोतासन को करने के लिए पहले आप अपने घुटने को फर्श पर रखें तथा अपनी रीढ़ को बिलकुल सीधा करें। 

  • अब आहिस्ता – आहिस्ता अपने दाहिने पैर को पीछे की दिशा में फैला लें। तब तक इसे फैलाते रहें जब तक आपका बायाँ घुटना और पैर आपके दाहिने कूल्हे से मिल न जाएँ। 

  • आगे की तरफ झुककर गहरी साँस लें।

  • फिर अपनी छाती को बाहर की ओर धकेलें और इस Pose में कम – से – कम 20 से 25 सेकंड तक बैठे रहें और अपने पैरों को बदल लें तथा दूसरे पैर के साथ इसी विधि को दोबारा से करें। 

  • फिर पद्मासन (पालथी या चौकड़ी मारकर) मुद्रा में बैठ जाएँ और अपने दोनों पैरों से बारी – बारी से इस Procedure को 4 बार दोहराएँ। एक बात का ध्यान ज़रूर रखें कि लगातार कपोतासन को न करें, बीच – बीच में आराम भी करते रहें।

 

लाभ 

गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन कपोतासन को करने से थकी हुई Muscles को Nutrition (पोषण), मन तथा शरीर को ठण्डक और शान्ति के साथ – साथ शरीर में Flexibility आती है।

2. शीतकारी प्राणायाम (Hissing Breath)

विधि 

  • सिर, गर्दन तथा रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखकर बिलकुल आराम से बैठें।

  • अब दाँतों को भींचते हुए साँस लें। साँस को कुछ समय तक रोकने के बाद अपने होठों को बन्द करके नाक से साँस को निकालें।

  • शीतकारी प्राणायाम को कम – से – कम  8 से 10 बार तक करें।

सावधानियाँ 

  • यदि आपको आस्थमा की बीमारी है तो आपको शीतकारी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

  • अगर आपको सर्दी – जुकाम हो रखा है तब भी आप शीतकारी प्राणायाम न करें।

  • यदि आपका Blood Pressure कम रहता है तो भी आपको शीतकारी प्राणायाम को नज़रअंदाज़ करना चाहिए।

लाभ 

गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन की List में इस योगासन को सबसे अधिक फायदेमंद माना जाता है। शरीर और दिमाग को ठण्डा रखने के लिए शीतकारी प्राणायाम को किया जाता है। सर्दियों के मुकाबले गर्मी के मौसम में शीतकारी प्राणायाम को करने की सलाह दी जाती है।

3. शीतली प्राणायाम (Cooling Breath)

विधि

  • शीतली प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले अपने मुँह को खोलें तथा जीभ को बाहर निकालें। 

  • अब होंठों को घुमाकर ‘ओ’ की आकृति बना लें।

  • फिर मुँह से साँस लेकर नाक से साँस को छोड़ें।

  • ऐसा करने पर जब आप मुँह से साँस लेंगे तब जीभ के माध्यम से ठण्डी हवा अन्दर जाएगी।

सावधानियाँ 

  •  शीतली प्राणायाम को अधिकतर गर्मियों में किया जाता है। 

  • सर्दियों के मौसम में शीतली प्राणायाम करने से सर्दी – ज़ुकाम होने की सम्भावना अधिक होती है। 

लाभ 

चिलचिलाती गर्मी से बचने और शरीर को ठण्डा रखने के लिए शीतली प्राणायाम को किया जाता है। इसके अलावा शीतली प्राणायाम के द्वारा भूख, प्यास को Control करने में मदद मिलती है। गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन में शीतली प्राणायाम एक विशेष स्थान रखता है।

4. बद्ध कोणासन (Bound Angle Pose)

विधि

  • बद्ध कोणासन को करने के लिए अपने दोनों पैरों को सीधा करके बैठें। 

  • फिर घुटनों को मोड़कर दोनों पैरों के तलवों को एक – दूसरे से मिलाएँ। 

  • जब तक घुटने नीचे ज़मीन को न छू लें तब तक उन्हें दबाएँ।

  • ऐसा करते हुए दोनों पैरों को अपने हाथों से पकड़ कर रखें। 

लाभ 

बद्ध कोणासन को करने से एक तो शरीर को ठण्डक महसूस होती है और दूसरा इसको करने से थकान से निजात मिलने के साथ ही तनाव की समस्या का खतरा भी टल जाता है। इसी कारण बद्ध कोणासन को गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन की सूची में शामिल किया गया है।

5. चंद्रभेदी प्राणायाम (Left Nostril Breathing)

विधि

  • चंद्रभेदी प्राणायाम करने से पहले आप पद्मासन मुद्रा में बैठें। 

  • अब एक गहरी साँस लेते हुए आप अपनी Capacity के अनुसार साँस को कुछ Seconds तक रोकें।

  • फिर अपनी बाईं नाक को बन्द कर लें और दाईं नाक से साँस को धीरे – धीरे छोड़ें।

  • अब अपनी दाईं नाक से ही एक गहरी साँस भर लें। 

  • फिर दाईं नाक को बन्द करके बाईं नाक से साँस को छोड़ें।   
     
  • चंद्रभेदी प्राणायाम को लगभग 10 से 20 बार करें।

सावधानियाँ 

  •  दमा, Low Blood Pressure, खाँसी या किसी अन्य श्वसन विकार (Respiratory Disorder) की स्थिति में  चंद्रभेदी प्राणायाम न करें।

  • सर्दियों के मौसम में या किसी ठण्डे दिन में ज़्यादा चंद्रभेदी प्राणायाम नहीं करना चाहिए

  • चंद्रभेदी प्राणायाम करने से ठीक पहले तथा चंद्रभेदी प्राणायाम करने के बाद खाना  नहीं खाना चाहिए।

लाभ 

 चंद्रभेदी प्राणायाम करने से ख़ून साफ़ हो जाता है तथा Skin Problems से भी छुटकारा मिलता है। High Blood Pressure, चिड़चिड़ेपन, Tension आदि को दूर करने के लिए भी चंद्रभेदी प्राणायाम को किया जाता है। गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन चंद्रभेदी प्राणायाम करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि इसे करने से सिर की गर्मी को भी दूर किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

गर्मी से ख़ुद को बचाने के लिए दवाईयाँ वगैरह खाने से अच्छा है कि प्राकृतिक तरीकों से अपने आप को गर्मी से बचाया जाए और गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन करके प्राकृतिक तरीकों से गर्मी से स्वयं को बचाना काफ़ी आसान तो है ही और साथ में दवाईयों पर होने वाले खर्चे से बचा जा सकता है।

आशा करते हैं कि अब आप गर्मी में शरीर को ठण्डा रखने वाले योगासन के बारे में जानकार बढ़ने वाली गर्मी की चिंता से मुक्त हो जाएँगे तथा अपना ध्यान गर्मी की चिन्ता से हटाकर अपने किसी मनपसन्द काम को करेंगे।

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