इस अनोखे मन्दिर के अन्दर जाने पर महिलाओं की पाबन्दी!!! वजह जानकर हो जाएँगे हैरान
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मध्यप्रदेश के छतरपुर ज़िले से लगभग 25 KM दूर बसा ‘वरट’ नामक एक गाँव है, जहाँ पर एक मन्दिर में महिलाओं का जाना पूर्णतः वर्जित है। इस गाँव के तालाब के किनारे ‘बटेश्वर महादेव’ का एक मन्दिर है, जिसे स्थानीय लोग ‘चंदेल काल का मन्दिर’ भी कहते हैं। इस मन्दिर में भगवान शिव जी की पार्वती माता के साथ एक प्रतिमा स्थापित है।
मन्दिर में जाने पर महिलाएँ पागल हो जाती हैं!
वरट गाँव के स्थानीय लोगों की इस मन्दिर के प्रति गहरी आस्था है तथा उनका यह मानना है कि यदि महिलाएँ इस मन्दिर में जाने की कोशिश भी करती हैं तो वह मानसिक रूप से रोगी हो जाती हैं।
‘जगदीश राजपूत’ जोकि इस वरट गाँव के पूर्व सरपंच हैं, उन्होनें बताया कि यह चंदेल काल का मन्दिर है तथा इसकी उम्र 500 से 1000 साल के आस – पास है।
यहाँ रहने वाले लोगों का मानना है कि इस मन्दिर में विशेष रूप से महिलाओं का प्रवेश वर्जित है तथा जो भी महिला इसके against जाती है, वह मानसिक तौर पर पागल हो जाती हैं। इसके प्रमाण के रूप में, कुछ ऐसी महिलाएँ हैं, जो मन्दिर में गईं तथा अब वह औरतें मानसिक बीमारी का शिकार हो गई हैं।
मन्दिर में खजाने की अफवाह
तालाब किनारे स्थित ‘शिव योगिनी मन्दिर बटेश्वर महादेव’ का यह मन्दिर अपने आप में एक रहस्यमयी मन्दिर बना हुआ है। इस मन्दिर का गुम्बद क्षतिग्रस्त है तथा गुम्बद के नीचे के एक चौकोर हिस्से में सभी का जाना निषेध है।
इसके अलावा, वरट गाँव के तालाब के निकट बने इस मन्दिर में अथाह खजाना छुपे होने के विषय पर दिन – प्रतिदिन चर्चा होती रहती है। जब स्थानीय लोगों से इस विषय में बात की गई तो कुछ लोग इस बात तो सत्य बतलाते हैं तो कुछ लोग इसे मात्र अफवाह मानते हैं।
पत्थरों पर अंकित हैं मूर्तियाँ
वरट गाँव के तालाब के किनारे स्थित इस मन्दिर में कुछ न कुछ रहस्य तो है ही साथ में इस मन्दिर से सम्बन्धित कहानियाँ भी उतनी ही रहस्यमयी हैं। इस मन्दिर के चारों ओर दीवारों पर भगवान गणेश जी तथा भगवान हनुमान जी की मूर्तियाँ बनी हुई हैं, जो इस मन्दिर को और भी अधिक रहस्यमयी बना देती हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि मन्दिर के एक कोने पर स्थित शिव – पार्वती जी की एक मूर्ति तक पहुँचने के लिए भगवान गणेश जी की मूर्ति को लाँघकर जाना पड़ता है।
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