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भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद

भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद

मस्जिद शब्द का अर्थ होता है – सजदा या साष्टांग प्रणाम (स (सहित ) + अष्ट (आठ) + अंग = आठ अंगों जैसे: सिर, हाथ, पैर, हृदय, आँख, जाँघ, वचन और मन आदि द्वारा भूमि पर सीधा लेटकर किए जाने वाले प्रणाम की जगह। अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो जिस जगह मुसलमान पूजा या इबादत करते हैं, वह स्थान मस्जिद कहलाता है।

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यह स्थान मुसलमानों द्वारा नमाज़ अदा करने के लिए मशहूर है। मस्जिद के ऊपर गुम्बद बनी होती है। इस्लाम धर्म में इस गुम्बद को ‘स्वर्ग की तिजोरी’ के प्रतिक के रूप में देखा जाता है।

वैसे तो मस्जिद को ख़ासतौर पर इबादत करने के लिए ही बनाया गया था लेकिन शुरूआती दौर में इसका प्रयोग विदेशों से आए लोगों से मिलने और उनसे बातचीत करने के लिए भी किया जाता था।

भारत में मस्जिदों का आगमन

भारत में मुगल शासकों के आने के साथ ही भारत में मस्जिदों की शुरुआत मानी जाती है लेकिन मुगलों से पहले भी भारत में कुछ मस्जिदें बन चुकी थीं। जैसे: दिल्ली की जामा मस्जिद, हैदराबाद की मक्का मस्जिद आदि।

ऐसा माना जाता है कि भारत की पहली मस्जिद ‘चेरामन जुमा मस्जिद’ भारत के केरल राज्य के त्रिशूर नामक क्षेत्र में बनाई गई थी। 629 ईस्वी में, ‘मलिक बिन दीनार’ द्वारा से इसे बनवाया गया था।

कहा जाता है कि मक्का की यात्रा करते हुए चेरामन पेरुमल ने इस्लाम धर्म को स्वीकार किया था और उन्होंने भारत में इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए मक्का से लोगों को बुलाया था। उनके बुलावे पर ही मलिक बिन दीनार भारत आए और इस मस्जिद को बनाया।

यह तो थी भारत की पहली मस्जिद, इसके बाद भारत में मस्जिदों को बनाने की सिलसिला यूँ चला कि अभी तक भारत में हज़ारों की तादात में मस्जिदें चुकी हैं और बनाई जा रही हैं।

इन मस्जिदों में कुछ ऐसी मस्जिदें भी हैं, जिन्हें भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद का दर्जा दिया गया है। ये मस्जिदें भारत के भिन्न – भिन्न स्थानों पर बानी हुई हैं।

1. ताज - उल - मस्जिद (Taj-ul-Masjid)

जब भी भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों की बात की जाती है तो ताज – उल – मस्जिद का नाम भी लिया जाता है। इसी ख़ूबी के कारण इस मस्जिद को भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में भी शामिल किया गया है।

ताज – उल – मस्जिद भारत देश के मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में स्थित है। शाह जहाँ बेग़म ने इस मस्जिद का निर्माण शरू करवाया था, जोकि नवाब सैयद सिद्दीक हसन खान की पत्नी थीं।

ताज – उल – मस्जिद ‘गुलाबी मस्जिद’ के नाम से भी मशहूर है। इस मस्जिद को बनाने के लिए सीरिया से मँगवाए पत्थरों का प्रयोग किया गया था। ताज – उल – मस्जिद का मुख्‍य हिस्सा गुलाबी रंग का है, इसके ऊपर दो सफ़ेद रंग के गुंबद बनाए गए हैं। इन गुंबदों को बनाए जाने के पीछे की मान्यता यह है कि इन्हें खुदा की तरफ जाने का रास्‍ता माना जाता है।

2. बड़ा इमामबाड़ा (Bara Imambara)

बड़ा इमामबाड़ा नाम की यह मस्जिद भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थित्त है। यह शहर ‘नवाबों का शहर’ कहलाता है और इस मस्जिद को भी असफ – उद – दौला नाम के एक नवाब ने सन् 1784 में बनवाया था, जो अवध क्षेत्र में रहते थे।

बड़ा इमामबाड़ा नाम की इस मस्जिद को बनाने के पीछे की कहानी प्रेरणादायक है। जिससे दरियादिली या एक आदर्श राजा की झलक दिखाई देती है, जिसके कारण इसे भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में शामिल किया गया है।

कहानी इस प्रकार है कि सन् 1784 में पड़े अकाल से उभरने के लिए लोगों को रोज़गार देने के नज़रिए से इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। जो मज़दूर दिन में बड़ा इमामबाड़ा मस्जिद को बनाने काम करते थे, रात में काम करने वाले मज़दूर उसे तोड़ दिया करते थे।

ऐसा करने से अधिक से अधिक लोगों को एक लम्बे समय तक रोज़गार दिया गया था। इस मस्जिद में एक बार में लगभग 3,00,000 लोग एकसाथ इबादत कर सकते हैं।

बड़ा इमामबाड़ा को ‘आसिफी मस्जिद’ का नाम भी दिया गया था। इस मस्जिद के अहाते में एक भूल भुलैया और बावली भी बनाई गई है। बड़ा इमामबाड़ा मस्जिद के अन्दर बहुत – सी सुरंगें बनाई गई हैं। यह सुरंगें दिल्ली, फैज़ाबाद, आगरा ओर को गई हैं।

3. मक्का मस्जिद (Mecca Masjid)

भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद की सूची में मक्का मस्जिद को भी शामिल किया गया है। जिसे सन् 1694 भारत के आंध्रप्रदेश राज्य की राजधानी हैदराबाद में बनाया गया था। इसे सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा बनवाया गया था। यह मस्जिद मिट्टी और ईंट से बनाई गई है।

इस मस्जिद को बनाने के लिए मिट्टी और ईंटें मक्का से लाई गई थीं और इसी वजह से इस मस्जिद का नाम मक्का मस्जिद नाम रखा गया। मक्का मस्जिद की ऊँचाई लगभग 75 फीट है और लगभग 10,000 लोग इस मस्जिद में एक बारी में सजदा कर सकते हैं।

लाड बाजार, चारमीनार आदि ऐतिहासिक स्थानों के पास यह मस्जिद मौजूद है।

4. जामा मस्जिद दिल्ली (Jama Masjid Delhi)

जामा मस्जिद को शाहजहाँ नाम के एक मुग़ल बादशाह ने सन् 1650 से सन् 1656 के बीच बनवाया था। यह भारत देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है। इस मस्जिद का मूल नाम ‘मस्जिद – ए – जहान नुमा’ है।

लाल पत्थर और और सफ़ेद मार्बल का प्रयोग करके जामा मस्जिद को बनाया गया था, जिसकी ऊँचाई 135 फीट के आस – पास है। ऐसा माना जाता है कि उस समय लगभग 10 लाख रूपये खर्च करके 6 साल में यह मस्जिद बनाई गई थी।

जामा मस्जिद को बनाने के लिए लगभग 25,000 मज़दूरों ने काम किया था। ईद जोकि मुसलमानों का एक अहम त्यौहार है, उस दिन यहाँ पर लाखों की तादात में लोग नमाज़ अदा करने आते हैं। यह भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में से एक है।

5. हजरत बल मस्जिद (Hazratbal Masjid)

हजरत बल मस्जिद जोकि भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में से एक है। यह मस्जिद भारत के जम्मू – कश्मीर नाम के केंद्र शासित प्रदेश के श्रीनगर नाम के एक शहर में डल झील के तट पर स्थित है।

हजरत बल मस्जिद को किसने बनवाया इस प्रश्न को लेकर लोगों के अलग – अलग मत हैं कोई कहता है कि हज़रत मुहम्मद के मु – ए – मुक़द्दस (दाढ़ी या सिर के बाल) को17वीं सदी में हजरत बल मस्जिद में लाया गया था तथा इनकी संरक्षिका इनायत बेग़म ने यह स्थान बनवाया था।

तो कोई कहता है कि सही मायने में इस मस्जिद का निर्माण सादिक़ खान ने करवाया था। जो शाहजहाँ नाम के एक मुग़ल बादशाह का सूबेदार था। हजरत बल मस्जिद के पीछे के आँगन में दाना चुगते, फड़फड़ाते कबूतरों का ख़ूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है।

6. अढ़ाई दिन का झोपड़ा (Adhai Din Ka Jhopra)

अढ़ाई दिन का झोपड़ा नाम की मस्जिद भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में शुमार है। यह मस्जिद भारत के राजस्थान नाम के राज्य के अजमेर नामक स्थान पर स्थित है। इस मस्जिद में अजमेर शरीफ की दरगाह बनी हुई है, जिसे देखने लाखों की तादात में लोग आते हैं। यहाँ लोग घूमने के साथ – साथ मन्नत भी माँगते हैं।

अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक प्राचीन मस्जिद है, इसका अंदाज़ा खंडहर जैसे दिखते इसके कुछ हिस्सों को देखकर लगाया जा सकता है। इस मस्जिद के साथ बहुत – सी मान्‍यताएँ जुड़ी हुई हैं।

कुछ लोग कहते हैं कि इस मस्जिद ने बनने में मात्र ढाई दिन का समय लिया था, जिस कारण इसे ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ कहा जाने लगा। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि प्रति वर्ष यहाँ ढाई साल का मेला लगा करता था और तभी से इसे ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ कहकर पुकारा जाने लगा।

पहले यह एक संस्‍कृत कॉलेज हुआ करता था। जिसे बाद में सन् 1198 में मोहम्मद गौरी ने मस्जिद में बदल दिया। अबु बकर ने अढ़ाई दिन का झोपड़ा मस्जिद का डिजाइन तैयार किया था। इस मस्जिद का अंदरूनी हिस्‍सा किसी मन्दिर की तरह दिखाई देता है।

7. जामा मस्जिद आगरा (Jama Masjid Agra)

शाहजहाँ ने सन् 1648 में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। ऐसी मान्यता है कि शाहजहाँ ने इस मस्जिद को अपने बड़ी बेटी जहान आरा की याद में बनाया था। भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद में से एक जामा मस्जिद भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है।

इस मस्जिद को ‘जामी मस्जिद’ के नाम से भी जाना जाता है। इस मस्जिद की पश्चिमी दीवार की आकर्षक मेहराबें बहुत ही खूबसूरत ढंग से बनाई गई हैं।

जामा मस्जिद के आकर्षक नज़रों के कारण इस मस्जिद की तुलना सातवें आसमान पर स्थित मोतियों और मणियों से बनी ‘बैतुल – मामूर’ नाम की मस्जिद से अक्सर की जाती है। इस मस्जिद का एक नाम ‘शुक्रवार मस्जिद’ भी है।

निष्कर्ष:

जब भी भारत देश की मस्जिदों की बात की जाती है तो यह सभी मस्जिदें भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद की सूची में सबसे पहले आती हैं। इस सूची में शामिल करने के पीछे किसी मस्जिद की आकर्षक निर्माण कला है तो कोई मस्जिद अपनी प्राचीनता के लिए मशहूर है।

कुछ मस्जिद को बनाने के पीछे का उद्देश्य भलाई करने की भावना से ओत – प्रोत है तो कुछ मस्जिद किसी शाही सदस्य की याद में बनाई गई हैं। हम तो आपसे यही कहना चाहेंगे कि यदि आपको कभी मौका मिले तो भारत की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद को देखने ज़रूर जाएँ।

चाहे आप किसी भी धर्म से सम्बन्ध रखते हों लेकिन एक पर्यटक की दृष्टि से तो घूमने जाया जा सकता है इसलिए अपने देश की ख़ूबसूरती के साक्षी बनिए और इसके गौरव को जानने के साथ – साथ दूसरों से भी इसे साझा कीजिए।

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