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क्या है सावन और हरे रंग का सम्बन्ध? हरी चूड़ियाँ, हरे कपड़े ही क्यों पहनती हैं सुहागिनें

क्या है सावन और हरे रंग का सम्बन्ध

What is the Relation Between Monsoon and Green Colour? Why do Brides Wear Green Bangles and Green Clothes Only?

मानसून की इस बरसाती झड़ी के बीच सावन का महीना शुरू हो गया है। सावन का यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव जी को समर्पित होता है। सावन में भगवान शिव जी के संग माता पार्वती जी की पूजा करना बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।

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मान्यता है कि ऐसा करने पर भगवान शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं तथा अपने भक्तों की मनचाही कामना पूरी कर देते हैं। सावन का यह महीना विशेषकर सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

सावन के इस पवित्र महीने में सुहागिन औरतें हरी चूड़ियाँ और हरे कपड़े पहनती हैं। ऐसा माना जाता है कि हरे रंग की चूड़ियाँ एवं कपड़े पहनने से परिवार में खुशहाली आती है। इस पूरे महीने में सुहागिनें हरे रंग के वस्त्र तथा चूड़ियांँ धारण करके भगवान शिव जी से अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं।

हरा रंग किसका प्रतीक है?

हरा रंग आख़िर किस प्रकार सुहागिनों के सौभाग्य का प्रतीक हो सकता है? इस तथ्य को जानने के लिए हम पण्डित ‘ऋषिकांत मिश्र’ जोकि उन्नाव के रहने वाले हैं, उनका मत देख सकते हैं। पण्डित ‘ऋषिकांत मिश्र’ के अनुसार, सावन का महीना ‘हरियाली का महीना’ कहलाता है।

सावन को हरियाली का महीना इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने लगातार बरसात होने के कारण पेड़ – पौधे ही नहीं बल्कि पूरी ज़मीन हरी – भरी दिखाई पड़ती है। सावन के इस महीने में जहाँ तक नज़र जाती है वहाँ तक हरियाली ही हरियाली नज़र आती है।

ऐसा प्रतीत होता है जैसे धरती ने हरे रंग की कोई पोशाक पहन ली हो। यदि इस हरियाली और हरे रंग के सन्दर्भ में शास्त्रों की ओर देखा जाए तो हम पाएँगे कि सनातन धर्म के शास्त्रों में भगवान शिव जी को एक योगी की भाँति देखा गया है और योगी होने के नाते उन्हें प्रकृति की सुन्दरता के बीच ‘हरियाली में बैठकर ध्यान लगाना पसन्द है।’

इसी बात को ध्यान में रखते ऐसा मान लिया गया है कि भगवान शिव जी को हरा रंग बहुत पसन्द है। इस महीने में सुहागिन औरतें हरे रंग के कपड़ों के साथ हरे रंग की चूड़ियाँ पहनती हैं क्योंकि हरे रंग को सुहागिनों के सौभाग्य के साथ जोड़कर देखा जाता है।

हरे रंग का महत्व

खुशी और प्रेम के प्रतीक के तौर पर हरे रंग को देखा जाता है। यह भी माना जाता है कि प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए भी महिलाएँ सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियाँ तथा अन्य श्रृंगार करती हैं।

सावन के इस महीने में व्रत रखकर भगवान शिव जी की पूजा करने से माता पार्वती और भगवान विष्णु जी की भी विशेष कृपा होती है। इस माह में महिलाएँ हरी चूड़ियाँ, हरे कपड़े तो पहनती ही हैं साथ ही अपने हाथों में हरे रंग की मेहँदी भी लगवाती हैं।

काँच की चूड़ियों की विशेषता

सावन के इस पवित्र महीने में हरी चूड़ियाँ एवं हरे कपड़े पहनने से positive energy का संचार होता है। काँच की चूड़ियाँ पहनने से उनसे उत्पन्न होने वाली आवाज़ या खनक से आसपास की सारी negativity ख़त्म हो जाती है तथा एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

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