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चन्द्रयान - 3 Live Update : आज चाँद पर अँगड़ाई लेंगे विक्रम Lander और प्रज्ञान Rover, ISRO ने दी विशेष जानकारी

चन्द्रयान - 3 Live Update : आज चाँद पर अँगड़ाई लेंगे विक्रम Lander और प्रज्ञान Rover, ISRO ने दी विशेष जानकारी

15 दिनों की लम्बी नींद पूरी करने के बाद आज चाँद की ज़मीन पर विक्रम Lander और प्रज्ञान Rover को जगाया जाएगा। कल से अगले 15 दिनों तक चन्द्रमा पर सूर्य चमचमाने लग जाएगा।

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ISRO के Scientists ने विक्रम Lander और प्रज्ञान Rover को जगाने की तैयारियाँ कर ली हैं। उनका कहना है कि Thursday और Friday को Module को Reboot करने की कोशिश की जाएगी क्योंकि सूरज की रोशनी में इन दोनों की Battery Full Charge है।

ISRO को आशा है कि अगले 15 दिनों तक Rover और Lander फिर से चाँद की New और Mysterious Information देता रहेगा। इससे पहले Rover ने अपने शुरू के 15 दिनों में चाँद के Surface पर Sulphur सहित कई अन्य Elements Discover किए थे।

ISRO को पहले से ही पूरी तरह से इस Successfully Completed Mission के सिवा Expansion Possibilities को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

ISRO Team को यह आशा है कि Friday को ‘Shivshakti Point’ पर सूर्य उगेगा, जहाँ Lander और Rover खड़े हैं। ISRO के Chairman ‘एस सोमनाथ’ के अनुसार, “जैसे ही सूरज निकलेगा, Equipment फिर से Active हो जाएँगे।”

21 और 22 सितम्बर को चन्द्रोदय के समय चन्द्रमा पर प्रज्ञान Rover तथा विक्रम Lander को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जाएगी। ‘एस सोमनाथ’ ने बताया कि, “हम सिर्फ़ 22 सितम्बर को Devices को वापस जीवन में देखने की आशा रख सकते हैं।” 2 दिनों का समय इसलिए रखा गया है ताकि Advance में ही तैयारी पूरी कर ली जाए।

2 सितम्बर को चाँद पर सोए थे विक्रम और प्रज्ञान

ISRO Scientists के According, चन्द्रमा पर सूर्यास्त से पहले, प्रज्ञान और विक्रम पर लगे Devices को Step by Step Inactive कर दिया गया था। यह Process 2 सितम्बर को शुरू हुआ था।

हालाँकि, सूर्य की रोशनी से Operate होने वाले Module की Batteries को Charge करके छोड़ दिया गया था तथा Solar Panels को इस तरीक़े से रखा गया था कि उन्हें सुबह के समय रोशनी मिल सके।

अभी चाँद पर कितना Temperature?

सूर्यास्त के बाद चाँद पर – 200 °C Temperature हो जाता है इसलिए ऐसी Situation में प्रज्ञान तथा विक्रम के लिए चाँद पर काम कर पाना बहुत बड़ा Challenge था। इतने Low Temperature पर Machines के खराब होने का खतरा भी बना रहता है इसलिए ISRO Scientists ने दोनों को Inactive करके 15 दिनों के लिए सुला दिया था।

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