नवरात्रि अखण्ड ज्योति नियम : नवरात्रि में जलाई जाती है अखण्ड ज्योति, जानें अखण्ड ज्योति जलाने के कारण से लेकर उसके नियम तक की सम्पूर्ण जानकारी
नवरात्रि में अखण्ड ज्योति जलाने का कारण
नवरात्रि के समय अखण्ड ज्योति जलाने से घर परिवार में सुख – समृद्धि बनी रहती है तथा देवी माँ की कृपा से व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस अखण्ड ज्योति से तन – मन में मौजूद अंधकार को भी दूर किया जाता है।
अखण्ड ज्योति जलाने के नियम
- जहाँ भी अखण्ड ज्योति जलाई जाती है, उस जगह को कभी खाली नहीं छोड़ते। घर में किसी न किसी व्यक्ति को वहाँ रहना पड़ता है। घर को पूरी तरह से बन्द नहीं किया जाता।
- अखण्ड ज्योति को जलाते समय कभी भी इसे सीधे ज़मीन पर न रखें। हमेशा चौकी या फिर कलश के ऊपर अखण्ड ज्योति को रखें।
- चौकी पर अंखड ज्योति स्थापित करते हुए पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएँ और कलश के ऊपर अखण्ड ज्योति स्थापित करते हुआ उसके नीचे गेहूँ स्थापित करें।
- हमेशा लाल कलावे से अखण्ड ज्योति की बाती बनानी चाहिए क्योंकि इस रंग की ज्योति का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
- घी की अखण्ड ज्योति को माँदुर्गा की तस्वीर के दाईं तरफ रखना चाहिए। वहीं, सरसों के तेल की अखण्ड ज्योति है को माँ की प्रतिमा के बाईं तरफ रखना चाहिए।
- हवा से बुझने से अखण्ड ज्योति को बचाने के लिए चारों तरफ से काँच के घेरन का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि 9 दिनों तक दीपक में घी या तेल खत्म न होने पाए।
- अखण्ड ज्योतिष जलाने से पहले भगवान गणेश तथा माँ दुर्गा का ध्यान करने से लाभ प्राप्त होता है। माँ दुर्गा के मंत्र – “जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते” का उच्चारण करना चाहिए।
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